तुम पास हुए या फेल हुए, तुम अनजान पटरियों की रेल हुए, तुम जमाने से बेबाक़ हुए, तुम थकी आँखों में एक ख़्वाब हुए तुम टूट गये, तुम बिखर गये, तुम फिर भी अपनी ज़िद पे रहे, दुनिया से इस लड़ाई में जो तुम टीके रहे, तो मुझे बताओ, हारा कौन? समय से समय की लड़ाई में पिछड़ गये, तुम ग़लत दिशा के अंत तक गये, बेसब्र तुम अपने सपने के पीछे, दुनिया को आँखें दिखाए चलते गये गिर कर जो तुम हर बार यूँ खड़े हुए, तो ये बताओ, दुनिया से इस लड़ाई में, हारा कौन? तुम कहानी हुए, तुम प्रेरणा हुए, तुम इस सदी के सबसे ख़ास हुए, तुम रुके नहीं, तुम झुके नहीं, तुम हर आशा की आस हुए हाथों की लकीरें बदल कर, जो तुम उन चार लोगों की शामत हुए, यूँ हार कर भी हार ना माने, तो ये बताओ, दुनिया से इस जंग में, हारा कौन और जीता कौन?